बड़ी देर तक वह नदी का प्रवाह देखता रहा। ढलान की ओर तेजी से बहती नदी का पानी जब किसी चट्टान से टकराता था तो सफ़ेद फेन सा छ्लक जाता। समतल सतह पर पानी एक जादुई हरी रंगत लिए होता।…
बड़ी देर तक वह नदी का प्रवाह देखता रहा। ढलान की ओर तेजी से बहती नदी का पानी जब किसी चट्टान से टकराता था तो सफ़ेद फेन सा छ्लक जाता। समतल सतह पर पानी एक जादुई हरी रंगत लिए होता।…
“कितनी हैरत की बात है, आदमी जानते बूझते भी बुरी आदतें छोड़ नहीं पाता।” हवलदार साब ने बात छेड़ी। “एक लहर सी उठती है तो फिर मन क़ाबू में कहाँ रह पाता है?” जगदीश ने सहानुभूति वाले स्वर में कहा।…
सुभाष मास्साब ने उस दोपहर स्कूल में एक नाटक का आयोजन किया था। सुभाष मास्साब अनूठे थे। एक अध्यापक जो अगर विज्ञान पढ़ाते तो ग्रेगोर मेंडल प्रतीत होते थे, पेंटिंग करते तो लगता था नंदलाल बोस हैं। अभिनय करते तो…
“बिना पूजा के बात नहीं बनेगी, भाई। बिलकुल नहीं बनेगी।” दीपक अपनी माँ की ओर देखते हुए सुभाष से बोला। सुभाष ने हैरान होकर उसकी ओर देखा। पूजा से उसका क्या मतलब, वह यह सोच ही रहा था कि दरवाज़े…
केनिथ मेसॉन की किताब द अबोड ओफ़ स्नो में कुमायूँ के सबसे बड़े अन्वेषकों में से एक हरी राम के बारे में विस्तार से पढ़कर मेरा मन दशकों पीछे चला गया। बहुत कम लोगों को जानकारी है कि पंडित हरी…